सेवा, समृद्धि और वैदिक मार्ग पर बढ़ते संस्कार

"एक पृथ्वी, एक धर्म, एक परिवार"

वैदिक एकता परिषद्

वैदिक एकता परिषद् - परिचय

सनातन ज्ञान से समृद्धि की ओर

वैदिक एकता परिषद् एक ऐसा अग्रणी सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है जो मानवता की सेवा, वैदिक ज्ञान के प्रसार और समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा उद्देश्य न केवल लोगों की आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति दिलाना है, बल्कि उन्हें वैदिक जीवन पद्धति से जोड़कर एक संतुलित, स्वस्थ और समृद्ध जीवन प्रदान करना भी है। 

  1. सर्वजन कल्याण: समाज के हर वर्ग को बिना भेदभाव आर्थिक, शारीरिक व मानसिक सहायता प्रदान करना।

  2. ब्याज-मुक्त ऋण:  युवाओं व महिलाओं को स्वावलंबन हेतु निःशुल्क आर्थिक सहायता देना।

  3. शिक्षा प्रसार: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व वैदिक ज्ञान को सभी तक पहुँचाना।

  4. योग-संस्कार: अष्टांग योग व ध्यान द्वारा स्वस्थ व अनुशासित जीवनशैली सिखाना।

  5. सामुदायिक एकता: सामूहिक सहयोग से समस्याओं का समाधान करना।

  6. संस्कृति संरक्षण: वैदिक मूल्यों व सनातन परंपराओं को जीवंत रखना।

सार: “सेवा, शिक्षा व संस्कार के माध्यम से समाज को एकजुट व सशक्त बनाना।”

– हमारी दृष्टि –

“एक ऐसा समाज जहाँ प्रत्येक व्यक्ति आर्थिक रूप से सबल, शारीरिक रूप से स्वस्थ और आध्यात्मिक रूप से जागृत हो।” 

– हमारा मिशन – 

– वैदिक सिद्धांतों के आधार पर समाज को जोड़ना। 

– निस्वार्थ भाव से सेवा करके “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की भावना को साकार करना। 

हमारे प्रमुख कार्यक्षेत्र

01.

अष्टांग योग एवं आध्यात्मिक विकास

  • निःशुल्क योग शिविर: प्राणायाम, आसन और ध्यान के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार।

  • मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: तनाव, अवसाद और चिंता से मुक्ति के लिए योग-चिकित्सा।

  • वैदिक आचरण प्रशिक्षण: संयम, सदाचार और धार्मिक अनुशासन पर शिक्षण।

02.

शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: गरीब मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति, पुस्तकें और कोचिंग सहायता।

  • वैदिक शिक्षा का प्रसार: संस्कृत, योग विज्ञान और प्राचीन भारतीय ज्ञान पर  कार्यशालाएँ।

  • शिक्षा क्रांति:छात्रों के लिए NEET, सिविल सेवा, IIT-JEE हेतु विशेष कोचिंग

  • आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए पूर्ण छात्रवृत्ति
03.

ब्याज-मुक्त ऋण सहायता

  • स्वावलंबन योजना: वित्तीय संकट में फँसे व्यक्तियों को बिना ब्याज के आर्थिक सहायता प्रदान करना।

  • लघु उद्योग प्रोत्साहन: युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराना।

  • आपातकालीन सहायता: चिकित्सा, शिक्षा या अन्य जरूरतों के लिए ऋण सुविधा।

04.

संस्कृति संरक्षण

     वैदिक मूल्यों व  परंपराओं को जीवंत रखना

  • वैदिक विद्यालय: संस्कृत, वेद-पाठ व प्राचीन ग्रंथों की शिक्षा

  • परंपरा संवर्धन: त्योहारों व संस्कारों (जैसे यज्ञ, व्रत) का वैज्ञानिक प्रसार

  • कला संरक्षण: मंदिर शिल्प, वैदिक संगीत व लुप्त होती कलाओं को बचाना

  • युवा जुड़ाव: डिजिटल माध्यम से वैदिक ज्ञान को आकर्षक बनाना

05.

धर्मसेवी पुरस्कार योजना

 सेवा हमारा धर्म, संस्कृति हमारी पहचान 

प्रत्येक मासिक/वार्षिक/शिविर के आधार पर स्वयंसेवकों को निम्नलिखित लाभ दिए जाएँगे: 

1. वार्षिक पुरस्कार (“धर्मसेवी सम्मान”)
प्रमाणपत्र + “स्वर्ण धर्मसेवी” बैज
  • आर्थिक लाभ: ₹5,000 नकद या अधिक या सामाजिक उपयोग की वस्तुएँ (जैसे स्मार्टफोन, साइकिल।

  • प्रत्येक  माह शिविर के बाद:“सर्वश्रेष्ठ धर्मसेवी” को ₹1,000 + सर्टिफिकेट जुड़ें धर्मसेवी बनकर, बनाएं समाज को मजबूत!

06.

"वैदिक एकता परिषद्" के सदस्य क्यों बने।

(सेवा, संस्कृति और स्वावलंबन का अनूठा संगम)

: 7 प्रमुख कारण जो आपको सदस्य बनने के लिए प्रेरित करेंगे:

पारदर्शिता: हर सहायता का विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध।

 निःस्वार्थ सेवा: कोई भी कार्य धन, जाति या धर्म के आधार पर नहीं।
 वैज्ञानिक + आध्यात्मिक दृष्टिकोण: योग और वैदिक ज्ञान को आधुनिक जीवनशैली से जोड़ना।

धर्मसेवी बनें

: हमारा नारा : " एकता , संस्कृति और समृद्धि " " साथ चलें, सबको जोड़ें, वैदिक मार्ग पर बढ़ें और सुखी समृद्धि बने "
"Vaidik Ekta Parishad is a flagship initiative of Aanya Jankalyan Samiti." ​

“Vaidik Ekta Parishad”  a flagship initiative of “Aanya Jankalyan Samiti”, (Reg. no. 26304, Bhilai, C.G.), dedicated to preserving Vedic traditions while addressing contemporary social needs.” Explore more

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